Detailed Experience of Kailash Mansarovar Journey by Helicopter from Lucknow

लखनऊ से हेलीकॉप्टर से कैलाश मानसरोवर यात्रा का विस्तृत अनुभव

कैलाश मानसरोवर यात्रा आस्था, रहस्य और अनंत शक्तियों का ऐसा अद्भुत संगम है, जो विश्व में कहीं और नहीं मिलता। हिंदू परंपरा में यह भगवान शिव का पवित्र धाम माना जाता है। जैन धर्म के अनुसार यहीं प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने निर्वाण प्राप्त किया था, जबकि बौद्ध मत में कैलाश को ब्रह्मांड का केंद्र माना गया है। चार प्रमुख धर्मों की यह साझा आस्था-भूमि, कैलाश को पृथ्वी का आध्यात्मिक नाभिकेंद्र बनाती है, जहाँ ऊर्जा का प्रवाह अत्यंत प्रबल रूप में महसूस होता है।

आप यंहा लखनऊ से हेलीकाप्टर से सबसे जल्दी पहुंच सकते है। लखनऊ से हेलीकॉप्टर द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा उन यात्रियों के लिए विशेष रूप से सुविधाजनक है, जो तीर्थ के दिव्य स्वरूप को कम समय में, सुरक्षित और आरामदायक तरीके से अनुभव करना चाहते हैं। यह यात्रा खासतौर पर उन लोगों के लिए आदर्श है, जो—

सीमित समय में पूरी यात्रा और परिक्रमा संपन्न करना चाहते हैं,

शारीरिक थकान से बचते हुए आध्यात्मिक पुण्य अर्जित करना चाहते हैं,

और हिमालय की ऊँचाइयों के ऊपर से प्रकृति और दिव्य ऊर्जा के मानसपटल को प्रत्यक्ष रूप में देखना चाहते हैं।

लखनऊ से हेलीकॉप्टर मार्ग न केवल समय बचाता है, बल्कि यात्रियों को एक अनूठा और जीवन-परिवर्तनकारी अनुभव भी प्रदान करता है।

कुल अवधि : 9 रातें / 10 दिन

यात्रा मार्ग

लखनऊ → नेपालगंज → सिमिकोट → हिल्सा (हेलीकॉप्टर) → तक्लाकोट → मानसरोवर → कैलाश परिक्रमा → वापसी

यात्रा के लिए आवश्यक योग्यताएँ

आयु सीमा: 18 से 70 वर्ष

स्वास्थ्य: ऊँचाई पर यात्रा के लिए अनिवार्य चिकित्सीय फिटनेस प्रमाणपत्र

सुविधाएँ:

वरिष्ठ यात्रियों के लिए घोड़े और पोर्टर की व्यवस्था

ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध

महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए विशेष देखभाल और सहायता

कैलाश सिर्फ एक पर्वत नहीं… यह परम चेतना से साक्षात्कार है।

यहाँ आने वाला हर यात्री स्वयं को एक नए रूप में पाता है।

हेलीकॉप्टर मार्ग के विशेष लाभ

समय की जबरदस्त बचत: सड़क मार्ग के 15–18 दिनों की तुलना में संपूर्ण यात्रा केवल 10 दिनों में पूरी

ऊँचाई के अनुकूलन में सहूलियत: हेलीकॉप्टर यात्रा के कारण चढ़ाई क्रमिक होती है, जिससे ऊँचाई रोग (Altitude Sickness) का जोखिम काफी कम हो जाता है।

आराम और सुरक्षा का भरोसा: चार्टर्ड हेलीकॉप्टर, AC बसें, प्रशिक्षित गाइड, अनुभवी स्टाफ और हर चरण पर उपलब्ध चिकित्सीय सहायता यात्रा को आरामदायक और सुरक्षित बनाते हैं।

वीज़ा और परमिट की जानकारी

यात्रा नेपाल के रास्ते तिब्बत (चीन) में प्रवेश करती है। भारत–नेपाल खुली सीमा होने के कारण नेपाल में प्रवेश के लिए किसी वीज़ा की आवश्यकता नहीं होती।

कैलाश यात्रा के लिए केवल—

  • चीनी ग्रुप वीज़ा
  • तिब्बत परमिट

की आवश्यकता होती है, जिनकी व्यवस्था आपकी टूर कंपनी स्वयं करती है।

दिन-प्रतिदिन यात्रा कार्यक्रम

दिन 1: लखनऊ → नेपालगंज

होटल में चेक-इन, यात्रा निर्देश और ब्रीफिंग सत्र।

दिन 2: नेपालगंज → सिमिकोट

सुबह की फ्लाइट द्वारा सिमिकोट पहुँचकर विश्राम।

दिन 3: सिमिकोट → हिल्सा → तक्लाकोट

हेलीकॉप्टर से हिल्सा आगमन, इमिग्रेशन के बाद तक्लाकोट प्रस्थान।

दिन 4: तक्लाकोट विश्राम

ऊँचाई के अनुकूलन (Acclimatization) और स्वास्थ्य जाँच।

दिन 5: तक्लाकोट → मानसरोवर

पवित्र मानसरोवर झील में स्नान, हवन, ध्यान और परिक्रमा।

दिन 6: मानसरोवर → डारचेन

यमद्वार के दर्शन और परिक्रमा की तैयारी।

दिन 7: परिक्रमा – दिन 1 (डारचेन → डिरापुक)

कैलाश के उत्तरी मुख तक ट्रेक।

दिन 8: परिक्रमा – दिन 2 (डॉल्मा ला पास)

परिक्रमा का सबसे चुनौतीपूर्ण और पवित्र चरण — डॉल्मा ला पास (5,630 मीटर)।

दिन 9: परिक्रमा – दिन 3 (जुतुलपुक → डारचेन → तक्लाकोट)

अंतिम चरण पूर्ण कर तक्लाकोट लौटना।

दिन 10: तक्लाकोट → हिल्सा → नेपालगंज → लखनऊ

हेलीकॉप्टर और फ्लाइट द्वारा वापसी।

पैकेज लागत

मानक पैकेज: ₹2,80,000 से प्रारंभ

नोट: यात्रा लागत मौसम, समूह आकार, परमिट प्रक्रिया और हेलीकॉप्टर उपलब्धता के आधार पर बदल सकती है।

निष्कर्ष

कैलाश मानसरोवर यात्रा कोई साधारण यात्रा नहीं—यह आत्मा का अद्भुत जागरण है।

लखनऊ से हेलीकॉप्टर द्वारा की जाने वाली यह यात्रा आपको भगवान शिव की कृपा, हिमालय की दिव्यता, और मानसरोवर की पवित्रता का अनुभव कराती है।

हर कदम ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति से भरा हुआ है, हर दृश्य ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रकृति ने चमत्कार रच दिया हो।

डॉल्मा ला पास पर खड़े होकर आपको ऐसा अनुभव होता है—मानो समय ठहर गया हो और आत्मा जाग उठी हो।

हर हर महादेव!

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